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Saturday, April 19, 2008

इंसानियत

चिराग जलते हैं
मय्यतों पर उनकी
गैरों की जिंदगी को
जिसने रोशन किया है।
ख़ुद की खातिर
जो जिया इस जहाँ में
andheron ने fakat
ghoslaa वहाँ किया है।
खुदा के bando
कुछ ऐसा कर dikhao
इंसान me इंसानियत के
रंग फिर milao।
जुदा कर न पाये
कोई lahu को lahu से
इंसानियत की ऐसी
mahfil sajao।
jio इस jahan me
jeene दो गैरों को
Budha के paigaam को
dunia me phailaao।
aman और मोहब्बत के
dipak जला कर
नफरत के andheron को
jad से mitao।

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