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Sunday, April 28, 2013

bhulaaoon kaise

भुलाऊँ कैसे

मैं जन्म दर जन्म तुझे प्यार करता रहा ,भुलाऊँ कैसे ,
मैं जिंदगी का हर पल तुझे जीता रहा , भुलाऊँ कैसे ?

मैं जानता हूँ हाले दिल तेरा ,तुम किसी और की हो ,
मैं जानकार भी नादान बनता रहा , भुलाऊँ कैसे ?

तुम कल किसी की थी, आज भी किसी की बाहों में हो ,
मैं तेरी सलामती के ख्वाब बुनता रहा , भुलाऊँ कैसे ?

डॉ अ कीर्तिवर्धन
8 2 6 5 8 2 1 8 0 0

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