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Friday, April 12, 2013

diljalon ke jakhmo par

दिलजलों के जख्मों पर हम मरहम लगाते हैं ,
हमारी हमदर्दी को आप दिल्लगी बताते हैं ।
हाथ जलने का हमको कोई गम नहीं "कीर्ति",
हम जलते हुए दामन की आग बुझाते हैं ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

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