फ़र्ज़
बहन , बेटी , पत्नि ,माँ ,बहु ,सास बनती
संभालती रही उम्र भर वह रिश्तों को ।
भुलाकर अपना वजूद ,फ़र्ज़ की बेदी पर ,
चुकाती रही प्यार की सब किश्तों को ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800
बहन , बेटी , पत्नि ,माँ ,बहु ,सास बनती
संभालती रही उम्र भर वह रिश्तों को ।
भुलाकर अपना वजूद ,फ़र्ज़ की बेदी पर ,
चुकाती रही प्यार की सब किश्तों को ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800
No comments:
Post a Comment