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Sunday, April 28, 2013

jo thahar jaata hai

जो ठहर जाता है , वह पोखर सा बन जाता है ,
दरिया को देखिये ,प्यासों की जागीर बन जाता है ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8 2 6 5 8 2 1 8 0 0

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