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Friday, April 26, 2013

kisi ki soch par pahare

किसी की सोच पर पहरे लगाए नहीं जाते ,
सूरज की रौशनी को चिराग दिखाए नहीं जाते ।
दूसरों की सोच पर जो लोग ज़िंदा हैं ,
मरे हुए जमीर ,फिर जिलाए नहीं जाते ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन
8 2 6 5 8 2 1 8 0 0

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