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Wednesday, April 24, 2013

pustak

दोस्तों
२३  अप्रैल को अंतर्राष्ट्रीय पुस्तक दिवस है  ,वास्तव में पुस्तक ज्ञान का बहुत बड़ा भण्डार है, अकेलेपन  की साथी है।

तनाव से मुक्ति की सबसे बड़ी  दवा है , आईये  इस अवसर पर एक रचना के माध्यम से पुस्तक के महत्त्व को जाने ......

पुस्तक ............

ज्ञान है, अध्यातम है, विज्ञानं है पुस्तक,
सृष्टि के कण -कण का, प्राण है पुस्तक। 

देव, दानव, किन्नरों की पहचान है पुस्तक,
माँ, बहन, बेटी का सम्मान है पुस्तक।

मंदिर मे गीता, रामायण, पुराण है पुस्तक,
मस्जिद, गुरूद्वारे, चर्च की भी शान है पुस्तक। 

अतीत है, भविष्य है, वर्तमान है पुस्तक,
बीते हुए युगों की दास्तान है पुस्तक। 

कर्मों का लेखा -जोखा, निदान है पुस्तक,
जीवन के पल-पल का विधान है पुस्तक। 


इज्ज़त औ आबरू, ईमान है पुस्तक,

समाज के चेहरे का परिधान है पुस्तक। 

पूजा-पाठ, धर्म-कर्म, दान है पुस्तक,

ईश्वर की भक्ति का गुणगान है पुस्तक। 

मेहनत का फल मिलता, सम्मान है पुस्तक,

चोर, उच्चकों, बेईमानों का अपमान है पुस्तक। 

राणा, शिवा और लक्ष्मी की आन है पुस्तक,
राधा और मीरा के प्रेम का बखान है पुस्तक। 


वेद-उपनिषद की बात, पुराण है पुस्तक,
सत्य की विजय गाथा, निर्वाण है पुस्तक। 


अन्तरिक्ष पाने की चाह, अनुसंधान है पुस्तक,
विजय ध्वज फैराना है, अभियान है पुस्तक। 


चिड़िया की आँख का संधान है पुस्तक,
मनुष्य के चरित्र का निर्माण है पुस्तक। 


दादा और पिता का अभिमान है पुस्तक,
"कुछ तो बाकी रह गया", नाम है पुस्तक। 




डॉ अ कीर्तिवर्धन
8 2 6 5 8 2 1 8 0 0

1 comment:

  1. वास्तव में बिन पुस्तक सब सून ॥ पुस्तक की महिमा अपार है .........

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