दिल और दिमाग में आज अन्तर्द्वन्ध है ,
दिल के सामने मन , जैसे अपंग है ।
जानते हैं हम , वो हमारा नहीं है ,
दिल की जिद , मन बेचैन -तंग है ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
८ २ ६ ५ ८ २ १ ८ ० ०
दिल के सामने मन , जैसे अपंग है ।
जानते हैं हम , वो हमारा नहीं है ,
दिल की जिद , मन बेचैन -तंग है ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
८ २ ६ ५ ८ २ १ ८ ० ०
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