इतनी बेदर्दी से दिलों से ना खेलिए ,
सडकों पर पड़े हों,पैरों से न ठेलिए ।
दिल का क्या,कम्बखत खुद ही दुखी है ,
सडकों पर पडा दीदार को,तेरी बेरुखी है ।
बात करते हो दिल को कुचलने की, पैरों से अपने ,
ऐसे पत्थर दिल सनम से , हम बात नहीं करते ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8 2 6 5 8 2 1 8 0 0
सडकों पर पड़े हों,पैरों से न ठेलिए ।
दिल का क्या,कम्बखत खुद ही दुखी है ,
सडकों पर पडा दीदार को,तेरी बेरुखी है ।
बात करते हो दिल को कुचलने की, पैरों से अपने ,
ऐसे पत्थर दिल सनम से , हम बात नहीं करते ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8 2 6 5 8 2 1 8 0 0
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