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Friday, May 3, 2013

dilon se na kheliye

इतनी बेदर्दी से दिलों से ना खेलिए ,
सडकों पर पड़े हों,पैरों से न ठेलिए ।

दिल का क्या,कम्बखत खुद ही दुखी है ,
सडकों पर पडा दीदार को,तेरी बेरुखी है ।

बात करते हो दिल को कुचलने की, पैरों से अपने ,
ऐसे पत्थर दिल सनम से , हम बात नहीं करते  ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन
8 2 6 5 8 2 1 8 0 0

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