गिर गिर कर मैंने उठना सीखा है
मुश्किल की बाहँ पकड़ चलना सीखा है ।
मैं नहीं डरता राह के काँटों से ,
मैंने काँटों के संग जीना सीखा है ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8 2 6 5 8 2 1 8 0 0
मुश्किल की बाहँ पकड़ चलना सीखा है ।
मैं नहीं डरता राह के काँटों से ,
मैंने काँटों के संग जीना सीखा है ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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