जात -पात , धर्म - कर्म और क्षेत्रवाद में ,
बाँट रहें हैं वह भारत की पहचान को ,
बाँट बाँट कर भाषा बोली में भारत को ,
मत बांटो हिंदी के गौरव गान को ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
बाँट रहें हैं वह भारत की पहचान को ,
बाँट बाँट कर भाषा बोली में भारत को ,
मत बांटो हिंदी के गौरव गान को ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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