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Tuesday, May 20, 2014

muktak-bhautik sukh ki daud me daud rahe jo log

भौतिक सुख की दौड़ में, दौड़ रहे जो लोग,
मिथ्या भाषण-आचरण, नहीं सत्य का बोध।
साहित्य और संस्कृति में, है संस्कारों का योग,
आयुर्वेद में छिपा हुआ, है स्वास्थ्य का संयोग।


डॉ अ कीर्तिवर्धन

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