पापा तुम घर कब आओगे?
मम्मी मुझको रोज बताती
चंदामामा भी दिखलाती,
क्यों रहते तुम चंदा पास
नहीं आती क्या मेरी याद?
दादी भी मुझको बहकाती
भगवान की बात सुनाती,
खेल रहे तुम उसके साथ
नहीं आती क्या मेरी याद?
पापा तुम जल्दी आ जाओ
वर्ना में खुद आ जाउंगी,
भगवान से बात करुँगी
तुमको घर ले आउंगी। 
पापा तुम जब घर आओगे
में संग आपके खेलूंगी,
खाना खाऊं -दूध पीउंगी
कभी नहीं में रोऊंगी। 
रात को जब मम्मी सोती है
बिस्तर मे चुपचुप रोती है
करती वह तुमसे जब बात
आती मुझको आपकी याद। 
डॉ अ कीर्तिवर्धन
 
 
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