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Saturday, April 26, 2008

खुदा ना बनाओ

मेरे मालिक!
मुझे इंसान बना रहने दो
खुदा ना बनाओ
बना कर खुदा मुझको
अपने रहम ओ करम से
महरूम ना कराओ।
पडा रहने दो मुझको
गुनाहों के दलदल में
ताकि तेरी याद सदा
बनी रहे मेरे दिल मे।
अपनी रहमत की बरसात
मुझ पर करना
मुझे आदमी से बढ़ा कर
इंसान बनने की ताकत देना।
तेरी हिदायतों पर अमल करता रहूँ
मुझे इतनी कुव्वत देना।
तेरे जहाँ को प्यार कर सकूं
मुझे इतनी सिफत देना।

मेरे मालिक!
मुझे खुदा ना बनाना
बस इंसान बने रहने देना।
मुझे डर है कहीं
बनकर खुदा
मैं खुदा को ना भूल जाऊँ
खुदा बनने gurur मे
gunah करता चला जाऊँ।

मेरे मालिक!
अपनी maharbaani से
मुझे खुदा ना बनाना।
सिर्फ़ अपनी najarain inaayat से
मुझे इंसान बनाना।
gustaakhi ना होने पाये मुझसे
किसी इंसान की शान मे
mahar baani हो तेरी मुझ पर
बना रहूँ इंसान मैं.

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