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Saturday, August 16, 2008

सानिध्य

मेरे सानिध्य मे आकर देखो
पहले दिन बसंत हो जाओगे ।
अपने अन्तर मे निहारना
मिठास की गंध पाओगे।
सुबह से तक रहा राह तुम्हारी
उत्सव मे तुम जरुर आओगे.

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