मेरा दर्द
कुछ लोग जहाँ मे यूँ भी मुस्कराते हैं
अपने ही जख्मों मे खुद नश्तर लगते हैं
लेते हैं इम्तिहान वो अपने दर्द का
आँखों मे अंशु पर मुस्कराते हैं.
मैंने भी अपने दिल मे कुछ जख्मों को पाला है
हवा दी तन्हाइयों को,सिद्दत से दर्द संभाला है.
डॉ अ कीर्तिवर्धन
09911323732
आपसे बात करके अच्छा लगा. अपनी मिटटी की सुगंध महसूस कर रहा हूँ. अपने ब्लॉग से वर्ड verification हटायें तो कमेन्ट करने में पाठको को सुविधा होगी. pawandevdhiman.blogspot.com
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ReplyDeletedhanyawad doston
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