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Sunday, August 1, 2010

ghar

टूटने लगे हैं घर अब दादी के दौर के
बिखरने लगे हैं लोग जब गाँव छोड के.
बढ़ने लगा है गाँव सरहद के छोर से
बनने लगे मकान जब घरों को तोड़ के.
डॉ अ कीर्तिवर्धन
9911323732

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