उत्तर प्रदेश की मुख्य मन्त्री माननीय मायावती जी को उनके कार्यकाल में लिखी एक रचना ---
गिट्टी फोड रहा है -----
भरी दोपहरी , रुखी रोटी,छाया खोज रहा है,
टूटे - फुटे पत्थरो मे भी , सपना खोज रहा है॥
दिखलाया था तुमने उसको , स्वपन एक सुहाना,
मै बन जाऊं राजकुमारी , घर तेरा होगा अपना॥
आज उसी सपने की खातिर , तुमको खोज रहा है,
घर की बेटी जुदा हो गयी , भाग्य कोस रहा है॥
धन संपत्ति, महल बनाये , अब हाथी बना रही हो,
वह तो अब भी झiड फूँस का छप्पर खोज रहा है ॥
जिसके कांधे चढ़ कर , तुम सत्ता मे आयी हो,
वह आज भी सडक किनारे , गिट्टी फोड रहा है॥
डॉ अ कीर्ति वर्धन
गिट्टी फोड रहा है -----
भरी दोपहरी , रुखी रोटी,छाया खोज रहा है,
टूटे - फुटे पत्थरो मे भी , सपना खोज रहा है॥
दिखलाया था तुमने उसको , स्वपन एक सुहाना,
मै बन जाऊं राजकुमारी , घर तेरा होगा अपना॥
आज उसी सपने की खातिर , तुमको खोज रहा है,
घर की बेटी जुदा हो गयी , भाग्य कोस रहा है॥
धन संपत्ति, महल बनाये , अब हाथी बना रही हो,
वह तो अब भी झiड फूँस का छप्पर खोज रहा है ॥
जिसके कांधे चढ़ कर , तुम सत्ता मे आयी हो,
वह आज भी सडक किनारे , गिट्टी फोड रहा है॥
डॉ अ कीर्ति वर्धन
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