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Sunday, February 19, 2012

intzar me........

तन्हा नहीं हूँ मैं ......
तन्हा नहीं हूँ मैं,तन्हाइयों की कसम,
लोग मुझे तन्हा समझते हैं|
खोया रहता हूँ तेरी याद मे,यादों की कसम,
हर पल तुम्हे याद किया करते हैं|
देखता हूँ ख्वाब तुम्हे पाने के,ख्वाबों की कसम,
मेरे दोस्त मुझे दीवाना कहते हैं|
देखे थे अश्क एक बार तेरी आँखों मे,अश्कों की कसम,
उन अश्कों मे खुद को डुबोना चाहता हूँ|
सोता नहीं हूँ रात भर,तारों की कसम,
तारों मे तुझे खोजा करता हूँ|
क्या पता कहाँ,किस हाल मे मिल जाओ,चाहत की कसम,
मैं आँख खुली रख कर ही सोया करता हूँ|

डॉ अ कीर्तिवर्धन
९९११३२३७३२३

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