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Sunday, July 29, 2012

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प्रवीण अग्रवाल स्मृति सम्मान एवं काव्य गोष्ठी
मुज़फ्फरनगर----आज अखिल भारतीय भाषा साहित्य समागम "उत्तर प्रदेश" के तत्वाधान में एवं नैनीताल बैंक की ९० वी वर्ष गांठ के अवसर पर बैंक के सहयोग से सम्मान समारोह एवं काव्य गोष्ठी का भव्य आयोजन किया गया| कार्य क्रम की अध्यक्षता जाने मने साहित्यकार डॉ. जे.पी. सविता जी ने की तथा मुख्य अतिथि रहे देवबंद से पधारे वरिस्थ साहित्यकार श्री महेंदर कुमार कम्बोज व अतिथि श्री अजय भटनागर ,मैनेजर नैनीताल बैंक रहे |काव्य गोष्ठी एवं सम्मान समारोह का कुशल सञ्चालन डॉ अलका वशिस्थ ने किया |
कार्य क्रम के संयोजक डॉ अ कीर्ति वर्धन ने आज के कार्यक्रम के बारे में बताते हुए कहा की साहित्य व साहित्यकार ही ऐसा है जो जाति,धर्म व क्षेत्रवाद से बढ़ कर राष्ट्र विकास के लिए काम करता है |अपने १३ वर्ष दिल्ली प्रवास के पश्चात अपने नगर मुज़फ्फरनगर में आने के बाद साहित्य परिवार को और अधिक विस्तार देने को आज की काव्य गोष्ठी का उद्देश्य बताते हुए देश के अलग -अलग नगरों से आये कवियों का परिचय कराया| जिसमे श्री अली हसन मकरैंडिया ,दादरी (उ.प्र.),श्री गाफिल स्वानी,बुलंदशहर (उ.प्र.),डॉ ज्वाला प्रसाद कौशिक,मेरठ (उ.प्र.),श्री महेंदर कम्बोज,देवबंद (उ.प्र.),श्री प्रवीण आर्य,दिल्ली,कुमारी महिमा श्री ,दिल्ली,,श्री लाल बिहारी लाल,दिल्ली,,श्रीमती सोनू गुप्ता,दिल्ली,श्री शिव प्रभाकर ओझा ,फरीदाबाद(हरियाणा),डॉ. अनिल शर्मा अनिल ,धामपुर,,श्री बिजेंदर शर्मा ,सहारनपुर(उ.प्र.),श्री प्रीतम कुमार प्रीतम ,शामली तथा स्थानीय कवियों में श्री नेम पाल प्रजापति,डॉ सुशीला शर्मा ,श्री पवन कुमार पवन,श्री अमित धरम सिंह,डॉ मुकेश दर्पण,श्री अरुण अकेला,डॉ अ कीर्तिवर्धन,व अन्य कवियों ने कविता पाठ किया |
बाहर से आये सभी कवियों का पुष्प माला,शाल,प्रमाण पात्र तथा प्रतीक चिन्ह देकर "प्रवीण अग्रवाल स्मृति सम्मान" से अलंकृत किया गया| सभी स्थानीय कवियों को तथा विशिष्ट मेहमानों को भी प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया| मुज़फ्फरनगर के पूर्व नगर अध्यक्ष श्री कपिल देव भी इस अवसर पर उपस्थित रहे| सभागार में १०० से अधिक कवियों एवं श्रोताओं की उपस्थिति ने कार्यक्रम को भव्यता प्रदान की|
कार्यक्रम का प्रारंभ माँ सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्वलन से किया गया| श्री अली हसन मकरैंडिया ने सरस्वती वंदना का पाठ किया|
श्री गाफिल स्वामी ने "झूठ का है बोलबाला,कलयुगी संसार में", डॉ ज्वाला प्रसाद कौशिक ने अपने कविता पाठ से पूर्व "अखिल भारतीय साहित्य परिषद् "की और से डॉ. अ कीर्ति वर्धन को साहित्य उर्जाओं से पूर्ण बताते हुए ,मुज़फ्फरनगर जिले का परिषद् का अध्यक्ष मनोनीत किया |उन्होंने अपने कविता पाठ में "मानवता जब रोती होगी,कौन सहोदर रह पायेगा" मार्मिक गीत सुनाया| धामपुर से पधारे डॉ. अनिल शर्मा अनिल ने बुजुर्गों की दशा को पर्यावरण से जोड़ते हुए बहुत ही मार्मिक रचना "बुढा बरगद दुखी हो रहा,घर के काट रहे मुझको" पढ़ी| फरीदाबाद के शिव प्रभाकर ओझा ने देश की दशा पर पढ़ते हुए कहा "देश को कैसे बचाएं, सोचिये? ",शामली से आये भाई प्रीतम सिंह 'प्रीतम ' ने पर्यावरण पर "चलो धरती को नाम कर दें,कहीं बंजर न बन जाए|चलो कम गम आज कर दें,दुखद मंजर न बन जाए|",तथा दिल्ली से आये लाल बिहारी लाल ने "अगर न पेड़ रोपोगे तो क्या होगा,न ये जमीं होगी,न ये आसमान होगा" सुना कर अपनी चिंता व्यक्त की| शामली के ही भाई पवन कुमार पवन ने सावन पर दोहे सुनाकर वातावरण को सावनमय कर दिया "आज हुई पूरी सखी ,मेरे मन की आस| बरसा बदल झूम कर,बुझी धरा की प्यास|" व्यंग के सशक्त हस्ताक्षर नेम पाल प्रजापति ने "पेट में क्या नहीं होता/दाढ़ी होती है/रहस्य छुपाते हैं/बात खपती है/जिससे आदमी की औकात नपती है/",अमित धरम सिंह ने" जीवन है तो फिर उलझन है,उलझन है तो फिर सुलझन है|सुलझन है तो फिर क्या गम है,दुनिया में खुशियाँ क्या कम हैं?",मुज़फ्फरनगर के नामचीन शायर अब्दुल हक सहर जी ने "बवाले जान न बन जाए गफलतों से कहीं,जदीद के दौर के बच्चे संभाल कर रखना", और "ख़ुशी से भाई को अपना भी हिस्सा छोड़ दिया,ये हुक्म माँ का था मेरी मैं टालता कैसे|तलाक देना उसे इस लिए जरुरी था,मैं बूढ़े बाप को घर से निकालता कैसे|" डॉ.मुकेश'दर्पण ' की इन पंक्तियों ने घर में बूढों के हालात पर खूब तालियाँ बटोरी| आज के आदमी के बर्बर आचरण पर अरुण अकेला ने कुछ यूँ कहा 'शेरनी बच्चे का माथा चूम कर समझा रही है,दूर मत जाना नहीं तो आदमी खा जायेगा " ,डॉ अ कीर्तिवर्धन ने एक छोटी बच्ची को होस्टल में भेजे जाने पर बच्ची के दर्द को बखूबी बयां किया "आओ पापा मेरे पास,मेरा दिल है बड़ा उदास,मम्मी की भी याद सताती,भैया को मैं भूल न पाती ,रखो मुझको अपने पास,मेरा दिल है बड़ा उदास" सुनाकर वाह वाही लूटी|डॉ सुशीला शर्मा, डॉ बिजेंदर पाल शर्मा,डॉ जे. पी. सविता जी,श्री महेंदर कुमार कम्बोज ,दिल्ली से आये प्रवीण कुमार कम्बोज तथा अन्य कवियों ने ३ घंटे तक शानदार कविता पाठ किया और श्रोताओं को झुमने पर विवश कर दिया |काव्य गोष्ठी को अंतिम परवान दादरी से आये श्री अली हसन मकरैंडिया ने दिया उन्होंने अनेक रचनाओं का पाठ किया और वेद,पुराणों के सन्दर्भ से राम और राम सेतु की महिमा बखान की| श्री कपिल देव अग्रवाल पूर्व अध्यक्ष नगर पालिका ने इस प्रकार के कार्यकर्मों के बार-बार आयोजन की आवश्यकता पर बल दिया|
श्री अजय भटनागर,मैनेजर नैनीताल बैंक ने बैंक के बारे में बताते हुएउपस्थित सभी लोगों का आभार व्यक्त किया| सकी लार्क कोलिज के प्रबधन,ग्रीन कलर लैब,हिंदुस्तान विज्ञापन एजेंसी के मालिक सुधीर जी,वाणी-मुज़फ्फरनगर,समर्पण-मुज़फ्फरनगर,भारतीय साहित्यकार परिषद् दिल्ली,समाचार पत्र के संवाद दाताओं व संपादकों के साथ साथआज के कार्यक्रम की संचालिका डॉ अलका वशिस्थ का हार्दिक आभार व्यक्त किया| डॉ अ कीर्ति वर्धन ने नैनीताल बैंक व बहार से उनके निमंत्रण पर पधारे सभी साहित्यकारों ,स्थानीय संस्थाओं तथा समारोह में उपस्थित कवियों ,श्रोताओं का धन्यवाद् किया |अंत में जलपान के साथ गोष्ठी का समापन किया गया|

डॉ अ कीर्ति वर्धन
८२६५८२१८००

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