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Monday, August 20, 2012

maa

माँ----
चोट लगती थी जब मुझको कहीं 
दर्द तेरे चेहरे पे उभर आता था |
भूखा न सो जाऊं मैं कहीं,
सोचकर तेरा कलेजा भर आता था |
जब भी मैं थककर चूर होता था,
तेरी गोद में आ जाता था |
तेरा प्यार से बालों को सहलाना
मैं नींद के आगोश में चला जाता था |
माँ! आज तुम बहुत याद आती हो |

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