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Friday, September 28, 2012

ghar chala aata hun

घर चला आता हूँ....
शाम होते ही घर के लिए चला आता हूँ,
परिन्दों  सा अन्दाज़ लिए आता हूँ  |
तकता है कोई राह घर के दरवाजे पर,
उसके प्यार कि खातिर चला आता हूँ |
नन्हा चूजा झांकता रहता घोंसले से,
उसके लिए दाना लिए आता हूँ |
किया था वादा शाम ढले आने का ,
वादा निभाने की खातिर दौड़ा आता हूँ |
डॉ अ कीर्तिवर्धन
८२६५८२१८००
 

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