Pages

Followers

Sunday, October 14, 2012

dhadkano ka

ख़ामोशी से धडकनों का मचलना तेरी
मेरी धडकनों को धड़का गया |
जब से देखा तेरी आँखों में अक्स अपना
वुजूद मेरा खुद से जुदा हो गया |
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

No comments:

Post a Comment