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Friday, October 5, 2012

sapane vo mere hain

सपने वो मेरे हैं ...
खुली आँखों से देखे हैं तूने जो सपने
वो मेरे हैं,
उठ रहे तूफां दिले समंदर में जो तेरे
वो मेरे हैं,
जरुरी तो नहीं हर राह से तुम ही गुजरों
कोई और गुजरा उसी राह तेरी चाह में
देखे हैं कदमों के निशाँ जो दिले राहों में
वो मेरे हैं |
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

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