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Tuesday, November 13, 2012

नारी और नीर --
नारी और नीर की ,गति एकसारी है,
चीर के बंधन हटे , नियंत्रण भारी है |

"नीर" जब चीर का साथ छोड़ देता है,
बाढ़ और प्रलय का वह रूप अनोखा है |

नर-नारी,पशु -पक्षी सब बेहाल हैं,
चीर की डोर बंधी सब खुशहाल हैं |

"नारी"जब चीर का साथ छोड़ देती है,
मर्यादा को अपनी तार तार करती है|

कोई उसके सम्मुख टिक नहीं पाता है,
ऋषि,देव, दानव , सब पर वह भारी है |

डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

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