वर्तमान में कुछ ऐसा भी..
गायी थी लौरियां जिन्हें सुलाने की खातिर,
हमारा सोना उन्हें नागवार लगने लगा है |
पाला था जिन्हें अपना सब कुछ लुटाकर,
बेटों को 'बाप' दुश्मन नजर आने लगा है |
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800
गायी थी लौरियां जिन्हें सुलाने की खातिर,
हमारा सोना उन्हें नागवार लगने लगा है |
पाला था जिन्हें अपना सब कुछ लुटाकर,
बेटों को 'बाप' दुश्मन नजर आने लगा है |
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800
No comments:
Post a Comment