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Saturday, November 17, 2012

जीना भी मुश्किल तेरे साथ में,
मरना भी मुश्किल तेरे साथ में,
फिर  भी मिलेंगे ताउम्र हम, ऐ दोस्त
हकीकत में मिलें या ख्वाब में |
तेरी आँखों की कसम ऐ जानम,
रोने नहीं देंगे गर रहो साथ में |
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

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