कुछ हाइकू मेरे भी ..........
सहयोग को
लालायित हैं हम
दिखाओ रास्ता |
मिले मंजिल
आपकी पत्रिका में
स्नेह का वास्ता |
वंदन-
जै एकदंत
प्रथम है वंदन
विघ्न हरण |
विनती --
वन्दे शारदे
मुझे बुद्धि वर दे
मृदु स्वर दे |
महिमा--
राम महिमा
जग ने अपनाई
दिशा दिखाई |
वाणी ---
वाणी अमोल
संतुलित तू बोल
पहले तौल |
औकात--
गिद्ध नोचते
मरे जानवरों को
हम जिन्दा को |
आईना---
मैंने देखी है
आयने में जिंदगी
मरते वक़्त |
बुढ़ापा---
जीवन संध्या
चिंतन करने का
अवसर है |
धर्म---
मानवता ही
जीवन दर्शन है
यही धर्म है |
पैसा--
पैसा हो गया
आज महत्वपूर्ण
रिश्तों नातों से |
kuchh aur bhi...
१-ख़त न लिख
प्यार से बात कर
यही काफी है |
२-नहीं रुका है
प्यार का सिलसिला
किसी काल में |
३-कितने किस्से
जमी-दोज हो गए
प्यार वफ़ा के |
४-इस देश में
कौन ताकतवर ?
बस सोनिया |
५-इन्होने लुटा
देश का धन, मान
फिर भी शान |
६-कैसे हटायें
सत्ता पर काबिज़
जो बेईमान |
७-इन्हें भगाएं
देश बच सकेगा
विकास होगा |
नेता और सांप-
८-नेता जी बोले
साँपों को मार डालो
अब हम हैं |
९--हम डसेंगे
मरने नहीं देंगे
हमारा वादा |
१०--जहरीला है
सांप का एक फन
मैं हर फन |
११-- मेरी सेवा में
जो कोई लग जाता
अभय पाता |
१२- दरअसल
मेरा जहर देता
अनोखा मज़ा |
१३-- उसके लिए
बड़े से बड़ा नशा
फीका- बेमज़ा |
१४--सांप का काटा
पानी को तडफता
मरते वक़्त |
१५-- मैं काटता हूँ
पानी नहीं मांगता
मरने तक |
१६-- सांप का दर
जहर से अधिक
जहरीला है |
१७--मैं डराता हूँ
जहर की तरह
मारता नहीं |
१८-- नेता व सांप
आदत एक जैसी
दोनों डसते |
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800
कुछ और हाइकू -----
19 -नारी
बेबस नारी
परिवार पालती
रुखा खाकर |
२०-कुल हाड़ी
आरोपित है
जीवन देने वाली
कुल हाडी है |
२१--गंगा जल
गंगा का पानी
जीवन देने वाला
जीवात्मा को भी |
२२--सुखी जीवन
सुखी जीवन
दुःख सहकर भी
खुश रहना |
२३-कहाँ है शिक्षा
शिक्षक व शिक्षार्थी
जरा विचारें ?
२४ पैसे का मेल
सब उलझा गया
ज्ञान का खेल |
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800
विद्या लक्ष्मी निकेतन.५३ महालक्ष्मी एन्क्लेव
मुज़फ्फरनगर-२५१००१ उ प्र
सहयोग को
लालायित हैं हम
दिखाओ रास्ता |
मिले मंजिल
आपकी पत्रिका में
स्नेह का वास्ता |
वंदन-
जै एकदंत
प्रथम है वंदन
विघ्न हरण |
विनती --
वन्दे शारदे
मुझे बुद्धि वर दे
मृदु स्वर दे |
महिमा--
राम महिमा
जग ने अपनाई
दिशा दिखाई |
वाणी ---
वाणी अमोल
संतुलित तू बोल
पहले तौल |
औकात--
गिद्ध नोचते
मरे जानवरों को
हम जिन्दा को |
आईना---
मैंने देखी है
आयने में जिंदगी
मरते वक़्त |
बुढ़ापा---
जीवन संध्या
चिंतन करने का
अवसर है |
धर्म---
मानवता ही
जीवन दर्शन है
यही धर्म है |
पैसा--
पैसा हो गया
आज महत्वपूर्ण
रिश्तों नातों से |
kuchh aur bhi...
१-ख़त न लिख
प्यार से बात कर
यही काफी है |
२-नहीं रुका है
प्यार का सिलसिला
किसी काल में |
३-कितने किस्से
जमी-दोज हो गए
प्यार वफ़ा के |
४-इस देश में
कौन ताकतवर ?
बस सोनिया |
५-इन्होने लुटा
देश का धन, मान
फिर भी शान |
६-कैसे हटायें
सत्ता पर काबिज़
जो बेईमान |
७-इन्हें भगाएं
देश बच सकेगा
विकास होगा |
नेता और सांप-
८-नेता जी बोले
साँपों को मार डालो
अब हम हैं |
९--हम डसेंगे
मरने नहीं देंगे
हमारा वादा |
१०--जहरीला है
सांप का एक फन
मैं हर फन |
११-- मेरी सेवा में
जो कोई लग जाता
अभय पाता |
१२- दरअसल
मेरा जहर देता
अनोखा मज़ा |
१३-- उसके लिए
बड़े से बड़ा नशा
फीका- बेमज़ा |
१४--सांप का काटा
पानी को तडफता
मरते वक़्त |
१५-- मैं काटता हूँ
पानी नहीं मांगता
मरने तक |
१६-- सांप का दर
जहर से अधिक
जहरीला है |
१७--मैं डराता हूँ
जहर की तरह
मारता नहीं |
१८-- नेता व सांप
आदत एक जैसी
दोनों डसते |
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800
कुछ और हाइकू -----
19 -नारी
बेबस नारी
परिवार पालती
रुखा खाकर |
२०-कुल हाड़ी
आरोपित है
जीवन देने वाली
कुल हाडी है |
२१--गंगा जल
गंगा का पानी
जीवन देने वाला
जीवात्मा को भी |
२२--सुखी जीवन
सुखी जीवन
दुःख सहकर भी
खुश रहना |
२३-कहाँ है शिक्षा
शिक्षक व शिक्षार्थी
जरा विचारें ?
२४ पैसे का मेल
सब उलझा गया
ज्ञान का खेल |
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800
विद्या लक्ष्मी निकेतन.५३ महालक्ष्मी एन्क्लेव
मुज़फ्फरनगर-२५१००१ उ प्र
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