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Sunday, December 2, 2012

उल्लू की बिसात कहाँ ,गुलिस्ताँ को बर्बाद करे,
आदमी की औकात तो देखो ,उल्लू को बदनाम करें |
जो संरक्षक है प्रकृति का,कीट-पतंगे ख़त्म करे,
अपने स्वार्थ की खातिर मानव ,उसका भी सर्वनाश करे |
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

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