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Sunday, December 2, 2012

मेरी कविता ----
मेरी कविता
आंसू सम है
जो
बिन नियम के बहते हैं
बस
भावों को दर्शाते हैं  |
बिना कहे
 शब्दों में कुछ भी
दिल के राज
बता जाते हैं |
आंसू
बस
भावों की अनुभूति है
स्वयं रंग
कैनवास और कूंची है |

वही भाव
जब शब्दों में आते हैं
शब्द ही रंग
और कूंची बन जाते हैं
मेरे मन के कैनवास पर
कविता बनकर
छा जाते हैं
शब्द स्वयं
कविता बन जाते हैं |

डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

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