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Saturday, December 22, 2012

मोहब्बत को खेल का नाम न दो
मोहब्बत बस एक बार होती है
कोई लौट कर आयें या न आयें
मोहब्बत बेक़रार रहती है |
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

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