Pages

Followers

Saturday, December 29, 2012

maun

जुबां भी खामोश ,आँखें झुकी झुकी थी,
सुलगते सवालों का "मौन" जवाब दिया |
तेरी उड़ती जुल्फें , लरजते होंठ ,
मुझे दीवाना बना दिया |
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

No comments:

Post a Comment