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Friday, December 28, 2012

navvarsh sandesh

मित्रों ,नव वर्ष यानि २०१३ दरवाजे पर दस्तक दे रहा है | मगर २०१२ ने हमें बहुत से जख्म दिए हैं, कभी महंगाई ,दंगे, भ्रष्टाचार जिनमे देश का शीर्ष नेतृत्व भी फंसा है, और जाते जाते ऐसा जख्म जो शायद कभी न भर सके |आश्चर्य तो इस बात का है की वर्तमान सरकार, पुलिस और नेता जिस बेहयाई से बलात्कार की इस घटना पर बयान दे रहे हैं, और युवाओं का / आन्दोलनकारियों का उत्पीडन कर रहे हैं ,वह दुनिया के इतिहास में कहीं नहीं मिलेगा | राष्ट्रपति जी के सुपुत्र हों या कृषि वैज्ञानिक अथवा पुलिस के आला अधिकारी सब के सब निर्लज्ज हो चुके हैं | देश शर्मिंदा है | फिर नए साल का जश्न कैसा ? 
फिर भी आप सबको इस अवसर पर एक शुभकामना सन्देश भेज रहा हूँ | यहाँ यह भी स्पष्ट कर दूँ की यह अंग्रेजी नववर्ष ,जिसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है, भारतीय पर्व नहीं है |इस विषय पर अपनी पोस्ट पहले भी प्रकाशित कर चूका हूँ , धन्यवाद् |

मानव जीवन में कुछ पल हैं, उनका आलिंगन कर लें हम ,
नववर्ष 2013  का "कीर्ति" आओ अभिनन्दन कर लें हम  |
संवादों को आधार बनाकर ,  मानवता जीवन में भर लें,
नव वर्ष सन्देश यही है  राष्ट्र प्रेम में अंग-अंग रंग लें हम  |

भ्रष्ट आचरण दूर करें और शिक्षा के दीप जलाएं हम ,
अज्ञान को जड़ से मिटाकर ,शिक्षित देश बनायें हम |
बुद्धि योग को साथ मिलाकर ,कर्म प्रधान बनायें हम,
गीता का है सार यही ,जन -जन को आज बताएं हम |

बेटी-बेटा एक समान , दोनों हैं अपनी संतान 
संस्कारों की शिक्षा देकर ,भारत का मान बढ़ाएं हम |
भ्रूण हत्या ,दहेज़ समस्या ,इनसे घटता देश का मान,
नव वर्ष में यह सन्देश , घर घर तक पहुंचाएं हम |

डॉ अ कीर्तिवर्धन
८२६५८२१८००

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