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Wednesday, January 23, 2013

aao ek geet gaa den

आओ एक गीत गा दें।।।।।

नेह के दीपक बुझ रहे
फिर से जला दें
आओ एक गीत गा दें ।

बढ़ रहा तम घनेरा ,धुप में भी,
दीप बन जल उठें ,और तम मिटा दें
आओ एक गीत गा दें ।

दरकती दीवार विश्वास और  प्रेम की अब
स्नेह का थोडा उस पर, मुलम्मा चढ़ा दें
आओ एक गीत गा दें ।

धर्म के नाम पर भी सियासत हो रही है
आस्था का कोई दीप जला दें
आओ एक गीत गा दें ।

सम्बन्ध भी बनने लगे ,अर्थ की नीव पर
अर्थ के भी अर्थ का भाव बता दें
आओ एक गीत गा दें ।

होने लगे जुदा माँ-बाप,पति-पत्नी सभी
रिश्तों के संसार को ,समर्थ बना दें
आओ एक गीत गा दें ।

अब तो संस्कार सारे खोने लगे " कीर्ति "
रामायण का सार सबको बता दें
आओ एक गीत गा दें ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

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