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Tuesday, January 15, 2013

daraar jarur aayegi

दरार जरुर आएगी .........

मेरे पास हथौड़ा न सही,हौसला तो है,
एक दिन पत्थर में दरार जरुर आएगी |

कौन डरता है चोट लगने से यहाँ,
मेरी कोशिश किसी की राह बन जायेगी |

लिखा जायेगा इतिहास पत्थर को तोड़ने का
मेरे नाम की चर्चा वहां जरुर आएगी |

मैं इस आन्दोलन की तकदीर तो न बदल सका ,
मगर मेरी कोशिश , रंग जरुर लाएगी ।

"दामिनी"!तुमने सहे जुल्म और दुनिया छोड़ दी,
तेरी कुर्बानी यहाँ मील का पत्थर बन जायेगी ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

2 comments:



  1. ✿♥❀♥❁•*¨✿❀❁•*¨✫♥
    ♥सादर वंदे मातरम् !♥
    ♥✫¨*•❁❀✿¨*•❁♥❀♥✿


    मेरे पास हथौड़ा न सही,हौसला तो है,
    एक दिन पत्थर में दरार जरुर आएगी

    बहुत प्रभावशाली !
    आदरणीय डॉ. कीर्तिवर्धन जी

    एक जज़्बा , एक इरादा है पूरी कविता में ... जो किसी काल में , किसी स्थान पर , किसी घटना-दुर्घटना में , किसी के लिए भी संभाव्य संबल है ।
    ...अंतिम दो पंक्तियों के बिना कविता का कद अधिक बड़ा होता ।


    हार्दिक मंगलकामनाएं …
    राजेन्द्र स्वर्णकार
    ✿◥◤✿✿◥◤✿◥◤✿✿◥◤✿◥◤✿✿◥◤✿◥◤✿✿◥◤✿

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  2. rajender ji shukaria ,baad ki line bhi pata nahi kyon kal hi jodi thi,punh aabhaar

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