आदरणीय बसंत जी ,
सादर नमस्कार।
यह जान कर अति प्रसन्नता हुई कि आपके संपादन में राष्ट्र के प्रथम पंक्ति के चिन्तक,समाज सेवी, राष्ट्र नेता ,भारतीय जनता पार्टी के कर्णधारों में से एक ,श्री कलराज मिश्र जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर एक ग्रन्थ का प्रकाशन किया जा रहा है ।
श्री कलराज मिश्र जी से मेरा प्रथम व्यक्तिगत परिचय गोवा में ही हुआ था जब वह पार्टी के कार्य से यहाँ आये हुए थे । उस प्रथम मुलाकात में ही उनकी सादगी और सरलता ने मेरा मन मोह लिया । उनके राष्ट्र के विकास में चिंतन, धारा प्रवाह सरल भाषा में ओजस्वी विचार तथा दूरगामी दृष्टिकोण में उनके बोद्धिक स्तर की व्यापकता एवं राष्ट्रीय सरोकारों का दर्शन देखकर मैं अभिभूत हूँ ।
यद्यपि उत्तर प्रदेश की राजनीति से कलराज मिष्ट जी का पुराना सम्बन्ध रहा है ,और मैं भी अपने बचपन से ही अख़बारों के माध्यम से उन्हें पढ़ता ,सुनता रहा हूँ और उनका प्रशंसक भी रहा हूँ । मगर इस एक व्यक्तिगत भेंट एवं साक्षात् बैठकर उन्हें सुनाने से उनके व्यक्तित्व के सामने नतमस्तक हूँ ।
मैं इश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि श्री कलराज मिश्र जी जैसे व्यक्तित्व का मार्गदर्शन राष्ट्र को निरंतर मिलता रहे ।
मैं आपको भी इस महत्वपूर्ण कार्य की सफलता के लिए अपनी सम्पूर्ण शुभकामनाएं प्रेषित करता हूँ ।
अंत में अपने मित्र डॉ अ कीर्तिवर्धन की चार पंक्तियों के साथ अपनी बात समाप्त करता हूँ ......
कल-कल करती नदी सी भाषा
दृष्टिकोण जहां विस्तृत है,
राष्ट्र प्रेम जहाँ प्रथम कर्त्तव्य
हिम सा ऊँचा पर्वत है ,
जात-पात का भेद त्याग कर
वाणी में मिश्री घोलत है ,
कलराज मिश्र है राष्ट्र योद्धा
प्रणाम मेरा सत सत है ।
(डॉ अ कीर्तिवर्धन)
हर्ष वर्धन मित्तल
सादर नमस्कार।
यह जान कर अति प्रसन्नता हुई कि आपके संपादन में राष्ट्र के प्रथम पंक्ति के चिन्तक,समाज सेवी, राष्ट्र नेता ,भारतीय जनता पार्टी के कर्णधारों में से एक ,श्री कलराज मिश्र जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर एक ग्रन्थ का प्रकाशन किया जा रहा है ।
श्री कलराज मिश्र जी से मेरा प्रथम व्यक्तिगत परिचय गोवा में ही हुआ था जब वह पार्टी के कार्य से यहाँ आये हुए थे । उस प्रथम मुलाकात में ही उनकी सादगी और सरलता ने मेरा मन मोह लिया । उनके राष्ट्र के विकास में चिंतन, धारा प्रवाह सरल भाषा में ओजस्वी विचार तथा दूरगामी दृष्टिकोण में उनके बोद्धिक स्तर की व्यापकता एवं राष्ट्रीय सरोकारों का दर्शन देखकर मैं अभिभूत हूँ ।
यद्यपि उत्तर प्रदेश की राजनीति से कलराज मिष्ट जी का पुराना सम्बन्ध रहा है ,और मैं भी अपने बचपन से ही अख़बारों के माध्यम से उन्हें पढ़ता ,सुनता रहा हूँ और उनका प्रशंसक भी रहा हूँ । मगर इस एक व्यक्तिगत भेंट एवं साक्षात् बैठकर उन्हें सुनाने से उनके व्यक्तित्व के सामने नतमस्तक हूँ ।
मैं इश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि श्री कलराज मिश्र जी जैसे व्यक्तित्व का मार्गदर्शन राष्ट्र को निरंतर मिलता रहे ।
मैं आपको भी इस महत्वपूर्ण कार्य की सफलता के लिए अपनी सम्पूर्ण शुभकामनाएं प्रेषित करता हूँ ।
अंत में अपने मित्र डॉ अ कीर्तिवर्धन की चार पंक्तियों के साथ अपनी बात समाप्त करता हूँ ......
कल-कल करती नदी सी भाषा
दृष्टिकोण जहां विस्तृत है,
राष्ट्र प्रेम जहाँ प्रथम कर्त्तव्य
हिम सा ऊँचा पर्वत है ,
जात-पात का भेद त्याग कर
वाणी में मिश्री घोलत है ,
कलराज मिश्र है राष्ट्र योद्धा
प्रणाम मेरा सत सत है ।
(डॉ अ कीर्तिवर्धन)
हर्ष वर्धन मित्तल
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