Pages

Followers

Thursday, January 10, 2013

raje dil

हम अपने दिल; के राज उनको बताते रहे,
हमारे जख्मों पर वो मरहम लगाते रहे |

बार बार कुरेद कर मेरे जख्मों को ,
जख्म कितना गहरा है,बताते रहे |

डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

No comments:

Post a Comment