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Friday, January 25, 2013

uplabhdhiyaan par abhimaan karen

दोस्तों ,
हम सब लोग अक्सर महसूस करते हैं की कुछ लोग उसमे राजनेता भी हैं तथा अन्य भी हैं , हमारे देश की उपलब्धियों को नगण्य बना देते हैं जब की विदेश के छोटे से अविष्कार पर अपना सर ऊँचा उठाकर चलते हैं । सारा  विश्व जनता है की धर्म, अध्यातम,ज्ञान,विज्ञान ,गणित ,अर्थ शास्त्र ,कूटनीति , जीरो की खोज ,अंतरिक्ष के रहस्य तथा और भी न जाने कितनी उपलब्धियों पर भारत का ही वर्चस्व है ।
यहाँ पर यह सब लिखने का तात्पर्य यह है की हम अपनी उपलब्धियों पर नाज करें और विश्व को अपने भूत काल तथा वर्तमान की उपलब्धियों से अवगत कराएँ तथा गर्व से सर उंचा करके चलें ।भारत का संविधान जब लिखा गया था तब क्या कारण थे उस पर बहस से लाभ नहीं होगा ,अगर संभव है तो देश एक जुट होकर नए संविधान की तरफ कदम बढाए ।

जो भी उपलब्धियां है मेरे मुल्क की ,
उन पर हम अभिमान करें ।
जो समां गई हैं काल गर्त,सियासत के कारण,
जीवित करने का अभियान करें ।
धर्म,अध्यात्म,अर्थ,काम मोक्ष, नीति ,विज्ञान ,
सब भारत की खोज हैं ।
गीता में समाया सबका सार,कृषण  का सन्देश ,
गीता का सम्मान करें ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

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