Pages

Followers

Saturday, February 23, 2013

khuli aankho se

खुली आँखों से देखता हूँ बस  सपने तेरे ,
तेरी चाहत को दिल में बसाना चाहता हूँ ।
पलकों में छुपाने का मेरा मकसद समझ ,
दुनिया की नज़रों से तुझे बचाना चाहता हूँ ।
जानता हूँ तेरी चाहत ,खुले गगन में उड़ने की,
तेरे सपनों को मैं बाज़ से पंख देना चाहता हूँ । 
मेरी चाहत, सपना,मेरा प्यार ,कोई बात नहीं ,
तेरी हर ख़ुशी को मैं अपनी बनाना चाहता हूँ ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

No comments:

Post a Comment