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Thursday, March 14, 2013

barbad nahi hun


ज़िन्दा  हूँ जिन्दगी ,तेरा मोहताज़ नहीं हूँ ,
ख्वाबों में रहता हूँ ,मगर ख्वाब नहीं हूँ ।
यकीं कर मेरा तुझे चाहता हूँ जान से ज्यादा ,
लुटा कर भी सब तुझ पर, बर्बाद नहीं हूँ ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

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