जीत और हार में कुछ नहीं रखा यारों,
मज़ा तो तब है जब इन्तहां तक जाओ ।
दुश्मन भी पढ़े तारीफ़ में कसीदे ,रोज ,
हार कर भी उसके दिल पर छा जाओ ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800
मज़ा तो तब है जब इन्तहां तक जाओ ।
दुश्मन भी पढ़े तारीफ़ में कसीदे ,रोज ,
हार कर भी उसके दिल पर छा जाओ ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
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