Pages

Followers

Thursday, March 28, 2013

jo chhod dete hain tanhaa

जो छोड़ देते हैं तन्हा मुझको ,
संभलना सीखा  देते हैं मुझको ,
कब तलक बैसाखियों के सहारे चलूँगा ,
वो चलना सीखा देते हैं मुझको ।
चाँद और तारों ने कसम खायी थी,
उम्र भर  साथ निभाने की मुझको ,
रात बीती ,मेरा साथ छोड़ा उन्होंने,
सवेरा हुआ तो सूरज मिल गया मुझको ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

3 comments:

  1. वाह
    कब तलक बैसाखियों के सहारे चलूँगा

    ReplyDelete
  2. क्या बात बहुत खूब वाह |

    ReplyDelete
  3. thnks girish ji, minkshi ji, dil se

    ReplyDelete