खून की होली मत खेलो , प्यार के रंग में रंग जाओ ,
जात-पात के रंग ना घोलो , मानवता में रंग जाओ ।
भूख -गरीबी का दहन करो , भाई-चारे में रंग जाओ,
अहंकार की होली जलाकर , विनम्रता में रंग जाओ ।
ऊँच-नीच का भेद ख़त्म कर, आज गले से मिल जाओ ,
होली पर्व का यही सन्देश, देश प्रेम में "कीर्ति" रंग जाओ ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800
जात-पात के रंग ना घोलो , मानवता में रंग जाओ ।
भूख -गरीबी का दहन करो , भाई-चारे में रंग जाओ,
अहंकार की होली जलाकर , विनम्रता में रंग जाओ ।
ऊँच-नीच का भेद ख़त्म कर, आज गले से मिल जाओ ,
होली पर्व का यही सन्देश, देश प्रेम में "कीर्ति" रंग जाओ ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800
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