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Sunday, March 10, 2013

kuchh bolate nahi

कुछ बोलते नहीं ....

यह अदा भी हमने हसीनों से सीखी है ,
सामने होते हैं ,नज़र झुकी-झुकी सी है ।
लाख करते रहो बातें उनसे प्यार की ,
मारे शर्मो हया के कुछ बोलते नहीं ।

डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

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