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Thursday, March 21, 2013

main kavi hun ...

.....मैं कवि हूँ .....

भूत ,भविष्य ,वर्तमान की छवि हूँ ,
समाज का दर्पण हूँ , मैं कवि हूँ ।

देखता जो ,मैं लिखता वही हूँ ,
वर्तमान का दर्पण ,कहलाता कवि हूँ ।

खो गया काल के गर्त में जो,
विचारता उस पर भी ,कवि हूँ ।

देखता भविष्य के गर्भ में झांककर ,
प्रेरणा उसके लिए भी देता , कवि हूँ ।

कल्पना  के लोक में भी घूमता मैं ,
सूर्य में भी शीतलता तलाशता ,कवि हूँ ।

रण बाँकुरे राणा ,शिवा की छवि हूँ ,
तलवार के वार की बात करता, कवि  हूँ ।

जौहर की जवालों में जलती ,वीरांगनाएँ ,
इतिहास की पड़ताल करता ,कवि हूँ

डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800

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