Pages

Followers

Friday, March 22, 2013

makan aur ghar

मकान और घर

जिस दिन मकान घर मे बदल जायेगा
सारे शहर का मिजाज़ बदल जायेगा।

जिस दिन चिराग गली मे जल जायेगा
सारे गावं का अँधेरा छट जायेगा.।

आने दो रौशनी तालीम की मेरी बस्ती मे
बस्ती का भी अंदाज़ बदल जाएगा.।

रहते हैं जो भाई चारे के साथ गरीबी मे
खुदगर्जी का साया उन पर भी पड़ जाएगा.।

दौलत की हबस का असर तो देखना
तन्हाई का दायरा "कीर्ति" बढ़ता जाएगा.।

उड़ जायेगी नींद सियासतदानो की
जब आदमी मुकम्मल इंसान बन जाएगा.।

डॉ अ कीर्तिवर्धन
8265821800
www.kirtivardhan.blogspot.com

No comments:

Post a Comment