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Friday, April 26, 2013

chin ki aukaat

चीन की औकात नहीं ,जो हमसे यूँ टकरा जाए ,
कोई भेदी घर का है , पहले उसको ढूंढा  जाए।
ख़ामोशी भी गद्दारी है , जब निर्णय लेने में देरी हो ,
सेना को अधिकार सौंप दो,पेइचिंग तक दौडाया जाए ।
सोच रहा जो रण क्षेत्र में ,सन 62   को दोहराने की ,
समय आ गया आज बता दो, तिब्बत भी लौटाया जाए ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8 2 6 5 8 2 1 8 0 0

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