जाता हुआ सूरज ,यह कह जाता है,
सुबह फिर आउंगा ,मेरा इंतज़ार करना ।
यह उदासी, तन्हाई,,कसक,बैचेनी
बस रात की मेहमां ,इनसे क्या डरना ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8 2 6 5 8 2 1 8 0 0
सुबह फिर आउंगा ,मेरा इंतज़ार करना ।
यह उदासी, तन्हाई,,कसक,बैचेनी
बस रात की मेहमां ,इनसे क्या डरना ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8 2 6 5 8 2 1 8 0 0
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