लाजवाबी उनके हुस्न की नहीं,तेरी नज़रों की है,
उम्र के इस दौर में भी ,वो तुमको हसीं लगती है ।
ख्वाब है वो तन्हा सा , कोई हकीकत नहीं है ,
जो दिन के उजाले में भी ,महताब सी दिखती है ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8 2 6 5 8 2 1 8 0 0
उम्र के इस दौर में भी ,वो तुमको हसीं लगती है ।
ख्वाब है वो तन्हा सा , कोई हकीकत नहीं है ,
जो दिन के उजाले में भी ,महताब सी दिखती है ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
8 2 6 5 8 2 1 8 0 0
No comments:
Post a Comment