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Sunday, May 19, 2013

jindagi

जिंदगी अक्सर किसी के दीदार से बदलती है ,
प्यार के हों दो पल ,  हौले हौले  मचलती  है ।
जिंदगी गुजरती नहीं किसी को निहार कर ,
थाम कर हाथ हमसफ़र का ,जिंदगी गुजरती है ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
८ २ ६ ५ ८ २ १ ८ ० ०

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